साहीवाल गाय: हमारे भारत में गोपालन दुसरे देशों के मुकाबले सबसे अधिक किया जाता है. दरअसल, हिंदू धर्म में गाय को देवी माँ का रूप माना जाता है और उसकी पूजा की जाती है. ऐसे में गाय ना केवल एक पालू जानवर है बल्कि यह कईं लोगों की रोज़ी रोटी का एक साधन बन चुकी है. इन दिनों डेरी फार्म का बिजनेस कईं लोग कर रहे हैं. इसमें कम लागत में अधिक मुनाफा मिलता है. भारत में देखा जाए तो लगभग 30 से अधिक किस्मों की गाय पाई जाती है जिनमे से साहिवाल गाय भी एक है. आज के इस लेख में हम आपको साहिवाल गाय की नस्ल की पहचान, खासियत और साहिवाल गाय की कीमत के बारे में बताने जा रहे हैं. दरअसल, साहिवाल गाय एक ऐसी गाय है जो कि भारत में सबसे अधिक पाई जाती है. कुछ लोग इसे देसी गाय के नाम से भी जानते हैं.
1. साहिवाल गाय की वैसे तो बहुत सारी खासियतें हैं लेकिन इसकी सब्सी बड़ी खासियत यह है कि यह अधिक तापमान में भी आसानी से रह सकती है और ठंडा पानी भी इनके लिए सक्षम रहता है.
2. साहिवाल गाय के दूध में अधिक प्रोटीन और वसा पाई जाती है.
3. साहिवाल गाय की दूध देने की क्षमता प्रतिदिन 12 से 15 लीटर की होती है.
देसी गाय यानि साहिवाल गाय में अफगानिस्तानी और गीर प्रजाति की गाय का रक्त मौजूद होता है. वहीँ इनकी शारीरक बनावट की बात की जाए तो दिखने में इनका सिर दूसरी गाय की अपेक्षा में चौड़ा होता है और माथा थोडा मझोला होता है. इनके सिर पर सिंह होते हैं जोकि दिखने में बेहद छोटे होते हैं. सख्त एवंमोटी चमड़ी की साहिवाल गाय मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश जैसे इलाको में पाई जाती है. इनकी टाँगे इनके शरीर से अधिक छोटी होती हैं.
कुछ लोग साहिवाल गाय को 'लोला' के नाम से भी जानते हैं. इनका वज़न 300 किलोग्राम से 500 किलोग्राम के बीच पाया जाता है. रंग की बात करें तो दिखने में यह लाल यह हलके भूरे रंग की नजर आती हैं. कुछ साहिवाल गायों की चमड़ी पर सफेद धब्बे मौजूद होते हैं. एक ब्याने के बाद यह 10 महीने तक दूध देती है. साहिवाल गाय के दूध में अधिक वसा के कारण साहिवाल गाय की कीमत भी अधिक है.