सुकन्या समृद्धि योजना के नियम: भारत में लगातार बढ़ रहे लिंगानुपात को देखते हुए मोदी सरकार ने साल 2014 में सुकन्या समृद्धि योजना स्कीम की शुरुआत की. इस योजना के चलते अब लड़कियों को उच्च शिक्षा के साथ साथ कईं अन्य सहुलताएं मिलना संभव हो चुका है. दरअसल, बीते सालो में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या काफी कम हो चुकी थी. ऐसे में लड़कियों को लडको के बराबर अधिकार दिलवाने के लिए मोदी सरकार ने इस नई स्कीम की घोषणा की. आज हम आपको सुकन्या समृद्धि योजना के नियम बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपना कर आप इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं.
आपको बता दें कि सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत सरकार ने केवल बेटियों के लिए ही की है. इस योजना के तहत बेटी के नाम पर खाता खुलवा कर कुछ रकम जमा करने पर 21 वर्ष बाद भारी रकम मिल सकती है. हालाँकि पहले इसमें न्यूनतम राशि सीमा 1000 रुपए थी जिसे अब सरकार ने घटा कर 250 रुपए कर दिया है. चलिए जानते हैं सुकन्या समृद्धि योजना के नियम और इनके निवेश से जुडी जानकारी के बारे में.
आप सब के दिमाग में यह विचार चल रहा होगा कि आखिर यह सुकन्या योजना क्या है? तो दोस्तों, आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि सुकन्या समृद्धि योजना लड़की के नाम से बचत करने की एक सरकारी स्कीम है जिसको सरकार ने लड़कियों का भविष्य बनाने के लिए कुछ साल पहले ही लागू किया है. इस योजना के तहत लड़की के जन्म के बाद उसके नाम पर खाता खुलवा कर साल में कुछ रकम निवेश करने पर आपको 21 साल बाद करोड़ों रुपए प्राप्त हो सकते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 में सुकन्या समृद्धि योजना के लिए करीबन 1.26 करोड खाते खोले गए थे. इन सब खातों में 19183 करोड रुपए की राशि जमा की गई थी.
लड़कियों की शिक्षा और भविष्य को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के अनुसार यदि आपकी बेटी की उम्र 1 वर्ष से 10 वर्ष के बीच है तो आप यह सुकन्या योजना डाकघर में खाता खुलवा सकते हैं इसके इलावा आप अपने आंगनबाड़ी केंद्र जा कर भी बेटियों के नाम पर इस खाते को खुलवा सकते हैं. बीते वर्ष सुकन्या समृद्धि योजना के नियम कुछ और ही थे लेकिन अब साल 2018 में सरकार ने इन नियमों में काफी बदलाव लाये हैं. चलिए जानते हैं इस योजना के मुख्य नियम आखिर क्या क्या है.