आयुर्वेद की दुनिया में बहुत से ऐसी जड़ी-बूटियां हैं जो अपने औषधीय गुणों के कारण जानी जाती हैं। वैसे तो हम आपको अक्सर ही इन औषधियों के गुण और लाभों के बारे में आपको बताते रहते हैं तो आज इसी क्रम में हम आपको एक और ऐसी ही जड़ी-बूटी के बारे में बताएंगे जो कई गुणों से भरपूर हैं। हम बात कर रहे हैं रीठा की।
बता दें की रीठा आयुर्वेद की सबसे लोकप्रिय जड़ी-बूटियों में से एक है। यह एक प्राकृतिक, सस्ता और एक से ज्यादा बार उपयोग किया जाने वाला प्राकृतिक उत्पाद है। साथ ही इसको पानी के साथ मिलाकर साबुन की तरह भी इसका उपयोग किया जाता है। कपड़े धोने से लेकर गहने चमकाने तक के लिए यह उपयोग में लाया जाता है। वहीं कुछ लोग इसे बालों के लिए भी यूज करते हैं हालांकि, इसके फायदे सिर्फ बालों तक सीमित नहीं हैं। यह हमारे स्वास्थ्य और त्वचा के लिए भी बहुत लाभकारी होते हैं।
रीठे में प्राकृतिक कंडीशनिंग गुण होते हैं जो आपकी स्किन को कोमल रखने में मददगार साबित होते हैं। यह त्वचा के सूखेपन को रोकता है। बता दें कि जिन लोगों की त्वचा काफी सेंसटिव होती है वो लोग भी इसका उपयोग कर सकते हैं। आयुर्वेदिक होने के कारण यह आपकी स्किन को किसी प्रकार से क्षति नहीं पहुचाता। इसका उपयोग आप होममेड फेसवाश के रूप में भी कर सकते हैं।
बता दें कि रीठा आपके पिंपल्स और ब्लैक हेड्स से भी छुटकारा दिलाता है। इसके निरंतर उपयोग से आप एक्ने जैसी परेशानियों से निजात पा सकते हैं।
बता दें कि रीठे का उपयोग बालों के लिए सबसे ज्यादा लाभदायी होता है। यह कई प्राकृतिक हेयर टॉनिक है जो किसी भी प्रकार की बालों की समस्याओं से निजात दिलाता है। साथ ही ये बालों के वाल्यूम को भी बढ़ाता है। रीठा में विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई पाए जाते हैं जो आपके बालों को चमक देते हैं और मुलायम बनाते हैं।
रीठा में कीटाणुनाशक पाए जाते हैं जो खोपड़ी से जुए और डैंड्रफ जैसी परेशानियों से निजात दिलाते हैं। इसके साथ ही रीठा ड्राई और रूखें बालों को चमकदार बनाने में मदद करता है। रीठे के उपयोग से आप काफी हद तक दोमुंहें बालों की समस्या से भी निजात पा सकते हैं।
रीठा का उपयोग पाइल्स जैसी समस्याओं में भी काफी लाभकारी होता है। बता दें कि इसके लिए आप 50 ग्राम रीठा लें और इसे लोहे की प्लेट पर रखिए और एक कटोरे के साथ कवर करें। अब लोहे की थाली को कम लौ पर रखो, जब तक सभी रीठा जल न जाए। अब लौ को बंद कर दें और 1 घंटे के बाद इन जले हुए रीठों का चूर्ण बना लें। अब 20 ग्राम रीठा पाउडर लें और इसे 20 ग्राम बबूल कत्था के साथ मिलाएं। अब इस मिश्रण को 1 ग्राम सुबह और 20 ग्राम शाम को मक्खन के साथ खाएं और इसके बाद 20 ग्राम मक्खन खा लें। यह बवासीर के हर्बल उपचार का सबसे अच्छा उपाय है।
बता दें कि रीठे में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आपके शरीर की इम्युनिटी को अच्छा करते हैं। रीठे का रस पीने से आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। रीठे में एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी आपको कुछ हद तक कैंसर के खतरे से भी बचाती है।
रीठा एक प्रकृति एंटी डायबिटिक होते हैं। इसके सेवन से आपके शरीर में शर्करा का स्तर नियमित रहता है। रीठे के सेवन से आपको दस्त और अपच से तुरंत राहत प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।